कौए ने कही, किसान ने सुनी
शाम को कौए नेकिसान से कहा- “आजब्रह्मा जी कह रहे थे किइस साल धरती पर बारिश नहीं होगी। लेकिन पहाड़ोंपर खूब बारिश होगी। क्योंन इस बार तुम पहाड़ परखेती करो?!
एक कौआ था। वह एक किसान के घर में लगे नीम के पेड़
पर रहता था। किसान रोज सुबह पहले कौए को खाने को देता बाद
में खुद कुछ खाता था।
वहां से जाने के बाद कौआ उड़कर ब्रह्माजी के दरबार में पहुंच जाता और दरबार के बाहर लगे पेड़ पर बैठकर उनकी सारी बातें सुनता। शाम को वही बातें वह किसान को सुनाया करता था।
एक दिन ब्रह्माजी ने कहा, 'इस साल बारिश नहीं होगी, अकाल पड़ जाएगा। लेकिन पहाड़ों पर खूब बारिश होगी। 'शाम को कौए ने किसान से कहा- आज ब्रह्मा जी कह रहे थे कि इस साल धरती पर बारिश नहीं होगी। लेकिनपहाड़ों पर खूब बारिश होगी। क्यों न इस बार तुम पहाड़ पर खेती करो?'
किसान ने कौए की बात मानकर पहाड़ पर खेती करनी शुरू कर दी। आस-पास के लोग किसान का मजाक उड़ाने लगे। किसान उन्हें भी ऐसा करने को कहता लेकिन लोग उसकी बात को हंसी में टाल जाते।
उस साल बहुत भयंकर सूखा पड़ा। किसान अकेला ऐसा इंसान था, जिसके पास ढेर सारा अनाज था। देखते ही देखते साल बीत गया।
एक दिन कौए ने कहा-
ब्रह्माजी कह रहे थे कि इस साल बारिश होगी। फसल भी खूब होगी। लेकिन सारी फसल कीड़े खा जाएंगे। तुम पहले से ही मैना और कीटभक्षी चिड़ियों को ले आना ताकि वे कीड़ों को खा जाएं।' किसान ने वैसा ही किया जैसा कौए ने कहा था।
लोग उसे ध्यान से देखने लगे, पर इस बार वे किसान पर हंसे नहीं।
इस साल भी किसान ने अपने घर में ढेर सारा अनाज इकट्ठा किया। यह साल भी बीत गया।
अब कौए ने कहा, ' ब्रह्माजी कह रहे थे कि इस बार चूहे फसल को खराब कर देंगे। इसलिए तुम खूब
सारी बिल्लियां ले आओ। ताकि वे चूहों को खाकर तुम्हारी फसल को बचा सकें।
किसान को बिल्लियां लाते देखकर सभी गांव वाले भी उसके
साथ हो लिए। इस बार उन्होंने किसान की बात मान ली, और इस
साल गांव के सभी घरों में अनाज का ढेर लग गया।
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